जानिए सौरमण्डल के कौन सा ग्रह शरीर के किस अंग का कारक प्रतिनिधि है।

✍🏻सम्पूर्ण समाधान
सौरमण्डल क्या है? और उसका क्या प्रभाव है?
सौरमण्डल के सभी नौ ग्रहों का हमारे जीवन पर प्रभाव देखा जा सकता है। जन्म के समय मौजूद ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों के आधार पर हमारी कुण्डली का निर्माण होता है और फिर यही ग्रह अपने-अपने स्वभाव अनुरूप हमारे जीवन को चलाते हैं।
शरीर के विभिन्न अंग पर ग्रहों का प्रभाव
ज्योतिषीय भाषा में यह कहा जाता है कि इन ग्रहों का प्रतिनिधित्व हमारे जीवन के साथ-साथ हमारे शरीर के विभिन्न अंगों पर भी होता है।
ग्रह से आज हम आपको बताएंगे कि कौन सा ग्रह आपके शरीर के किस अंग का प्रतिनिधित्व कर अपना प्रभाव दर्शाता है।
■ सूर्य ग्रह
शुरुआत करते हैं शरीर के सबसे ऊपरी भाग मस्तिष्क से। भारत के पौराणिक ऋषियों ने भी मस्तक के बीचो बीच भगवान सूर्य का स्थान माना है। ज्योतिष विद्या के अनुसार भी मस्तिष्क पर सूर्य देव का अधिकार होता है। चिन्तन और मनन, इन सभी का आधार सूर्य ग्रह को माना गया है।
■ चन्द्रमा
सूर्य ग्रह से एक अंगुली नीचे चन्द्रमा का स्थान माना गया है। चन्द्रमा का नाता भावुकता और चंचलता से है, साथ ही मनुष्य की कल्पना शक्ति भी चन्द्रमा के द्वारा ही संचालित होती है।
कल्पना और चिन्तन
विज्ञान के साथ-साथ ज्योतिष भी यही कहता है कि चन्द्रमा को अपनी रोशनी के लिए सूर्य पर ही निर्भर रहना पड़ता है, इसलिए चन्द्रमा हमेशा सूर्य के साये में ही रहता है। जब सूर्य का तेज रोशनी बनकर चन्द्रमा पर पड़ता है तभी व्यक्ति के विचार, उसकी कल्पना और चिन्तन में सुधार आता है।
■ मंगल ग्रह
गरुड़ पुराण के अनुसार नेत्रों में मंगल ग्रह का निवास माना गया है। मंगल ग्रह शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है और यह रक्त का संचालक माना गया है।
शरीर
हमारा शरीर कितना मजबूत और कितना कमजोर है इसका अंदाजा नेत्रों से ही लगता है। इसलिए नेत्रों को ही मंगल ग्रह का स्थान माना गया है।
■ बुध ग्रह
बुध ग्रह को हृदय में स्थापित ग्रह माना गया है। बुध बौद्धिकता और वाणी का कारक ग्रह माना गया है। जब भी किसी व्यक्ति का व्यवहार, स्वभाव और वाचन शक्ति का पता लगाना हो तो अरबी ज्योतिष विद्या, रमल के अन्तर्गत बुध ग्रह की स्थिति को ही देखा जाता है।
( क्रमशः ) साभार : एक मित्र